अहमदाबाद प्लेन क्रैश में बेगूसराय का छात्र बाल-बाल बचा, मां की दुआओं ने बचाई जान

बेगूसराय/अहमदाबाद: अहमदाबाद प्लेन क्रैश में बेगूसराय का छात्र रितेश शर्मा चमत्कारिक रूप से मौत के मुंह से वापस लौटा।

गुजरात के अहमदाबाद में हुए इस भयावह हादसे के दौरान रितेश मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल मैस में अपने दोस्तों के साथ खाना खा रहा था।

उसी समय प्लेन का एक भारी हिस्सा और उसमें भरा लगेज सीधे उसके ऊपर आ गिरा। घटना इतनी भयावह थी कि लोग उसे मृत मान बैठे, लेकिन सौभाग्य से समय पर रेस्क्यू होने से उसकी जान बच गई।

इस दर्दनाक हादसे में अब तक 274 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर विमान के क्रैश होने की यह घटना मेडिकल कॉलेज परिसर में हुई, जहां दर्जनों छात्र मौजूद थे।

अहमदाबाद प्लेन क्रैश में बेगूसराय का छात्र – कैसे बचा

रितेश शर्मा, जो कि अहमदाबाद मेडिकल कॉलेज में सेकेंड ईयर का छात्र है, हादसे के वक्त अपने दोस्तों के साथ हॉस्टल मैस में खाना खा रहा था।

तभी अचानक जोरदार धमाके के साथ प्लेन कॉलेज की बिल्डिंग पर आ गिरा। रितेश की मां सुनैना देवी के मुताबिक, छत का एक बड़ा हिस्सा और एक भारी लगेज बैग सीधे रितेश के ऊपर आ गिरा।

खाने की टेबल भी उसके ऊपर टूट पड़ी। मौके पर मौजूद लोगों ने जैसे-तैसे मलबा हटाकर रितेश को बाहर निकाला और तुरंत अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों की निगरानी में उसका इलाज चला और अब उसकी स्थिति सामान्य बताई जा रही है।

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परिवार में मचा कोहराम, मां ने रोते हुए सुनाई आपबीती

बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर प्रखंड स्थित मेहदा शाहपुर गांव निवासी रितेश के परिवार को जब हादसे की सूचना मिली तो पूरे गांव में सन्नाटा छा गया। रितेश की मां,

सुनैना देवी, जो आंगनवाड़ी में सहायिका के रूप में कार्यरत हैं, ने बताया कि 12 जून की दोपहर करीब 2:30 बजे एक अज्ञात नंबर से फोन आया,

जिसमें उनके बेटे के घायल होने की खबर दी गई। शुरुआत में स्थिति स्पष्ट नहीं थी, जिससे वह बेहद घबरा गईं। हालांकि, शाम करीब 5 बजे और फिर रात 8:30 बजे वीडियो कॉल के माध्यम से रितेश से बातचीत कराई गई,

जिससे थोड़ी राहत मिली। तब जाकर उन्हें राहत मिली। रितेश की मां का कहना है कि वह लगातार भगवान से बेटे की सलामती की दुआ कर रही थीं।

गरीबी में की पढ़ाई, जमीन बेचकर भेजा मेडिकल

रितेश के चाचा मंटून शर्मा ने बताया कि रितेश की मेडिकल की पढ़ाई बहुत संघर्षों से हो रही थी। उसके पिता लल्लन शर्मा कोलकाता में फर्नीचर की दुकान पर काम करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार ने जमीन तक बेच दी।

ताकि रितेश की पढ़ाई पूरी हो सके। रितेश के बड़े भाई की पहले ही एक सड़क हादसे में मौत हो चुकी है, ऐसे में रितेश ही परिवार की एकमात्र उम्मीद था। हादसे में उसके बचने को पूरा परिवार ईश्वर का चमत्कार मान रहा है।

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पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने जाना हालचाल

रितेश को अस्पताल में भर्ती किए जाने के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल लिया। उन्होंने डॉक्टरों को निर्देश दिए कि घायल छात्रों के इलाज में कोई कमी न छोड़ी जाए।

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इस भयावह दुर्घटना के बाद पूरे देश में शोक की लहर है, लेकिन रितेश जैसे कुछ लोगों का बच जाना यह बताता है कि हर अंधेरे में भी उम्मीद की एक किरण जरूर होती है।

FAQs (अहमदाबाद प्लेन क्रैश में बेगूसराय का छात्र):

Q1. क्या बेगूसराय का कोई छात्र भी इस हादसे में शामिल था?

उत्तर: हां, बेगूसराय जिले के मेहदा शाहपुर गांव का रहने वाला रितेश शर्मा, जो अहमदाबाद मेडिकल कॉलेज का सेकेंड ईयर का छात्र है, इस हादसे में घायल हुआ था लेकिन अब उसकी हालत स्थिर है।

Q2. रितेश शर्मा को हादसे में किस तरह की चोटें आईं?

उत्तर: हादसे के समय रितेश मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल मैस में खाना खा रहा था, जहां प्लेन का हिस्सा और लगेज उसके ऊपर गिरा। उसे सिर और शरीर पर मामूली चोटें आईं और समय पर इलाज मिलने से उसकी जान बच गई।

Q3. रितेश शर्मा के परिवार की आर्थिक स्थिति कैसी है?

उत्तर: रितेश का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। उसके पिता कोलकाता में फर्नीचर दुकान पर काम करते हैं और मां आंगनवाड़ी सहायिका हैं। मेडिकल की पढ़ाई के लिए परिवार ने जमीन तक बेच दी थी।

Q4. रितेश की हालत की जानकारी पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को कैसे मिली?

उत्तर: हादसे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने अस्पताल पहुंचकर सभी घायलों का हालचाल लिया। उन्होंने डॉक्टरों को निर्देश दिया कि इलाज में कोई कमी न हो।

Q5. इस प्लेन हादसे में कितने लोगों की मौत हुई है?

उत्तर: अब तक इस हादसे में 274 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। यह भारत के इतिहास के सबसे भयानक विमान हादसों में से एक माना जा रहा है।

निष्कर्ष: अहमदाबाद प्लेन क्रैश में बेगूसराय का छात्र

अहमदाबाद की यह विमान दुर्घटना देश के इतिहास में दर्ज हो चुकी है। बेगूसराय का रितेश इस हादसे में बच गया, लेकिन उसकी मां और परिवार के दिलों पर जो बीता,

वह शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। रितेश की यह कहानी न केवल एक चमत्कार है, बल्कि संघर्ष, उम्मीद और मां की दुआओं की ताकत का जीता-जागता प्रमाण भी।

Hunter Prince

मैं एक डिजिटल पत्रकार हूं, जो बिहार की स्थानीय खबरों, सरकारी योजनाओं और रोजगार से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां लोगों तक पहुँचाने का कार्य करता हूं। BgsSamachara.com के माध्यम से हमारा उद्देश्य है लोगों को सटीक, भरोसेमंद और समय पर खबरें उपलब्ध कराना।

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