जैसलमेर राजस्थान के सीमावर्ती जिले जैसलमेर के तनोट थाना क्षेत्र से एक शर्मनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है जिसने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए।
एक वीडियो में एक युवती को कार में बैठे एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ अश्लील हरकतें करते हुए देखा गया है। वीडियो की प्रकृति इतनी आपत्तिजनक है कि स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
घटना का विवरण:
वायरल वीडियो में युवती कार में नंग अवस्था में दिखाई दे रही है और वह एक 65-70 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति के साथ आपत्तिजनक हरकतें करती नजर आ रही है। चौंकाने वाली बात यह है।

कि इस पूरी घटना को युवती की सहयोगी महिला मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड कर रही थी। वीडियो को पहले एक पॉर्न साइट से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट पर डाला गया और फिर तेजी से व्हाट्सऐप ग्रुप्स में फैलाया गया।
स्थानीय जनता का आक्रोश:
जैसे ही यह वीडियो सामने आया, ग्रामीण क्षेत्रों में भारी नाराजगी फैल गई। स्थानीय लोगों ने इसे समाज, संस्कृति और सम्मान पर सीधा हमला करार दिया। उनका कहना है कि यह घटना न सिर्फ अश्लीलता को बढ़ावा देती है बल्कि भोले-भाले ग्रामीणों को शोषण का शिकार भी बना रही है।
पुलिस और साइबर क्राइम टीम सक्रिय :
मामले की गंभीरता को देखते हुए जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार ने तुरंत जांच के आदेश दिए हैं। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस यह पता लगाने में जुटी है।
कि वीडियो कहां और कैसे बनाया गया, इसे किसने अपलोड किया और इसके पीछे कौन लोग शामिल हैं। शुरुआती जानकारी के अनुसार युवती खुद को दिल्ली निवासी बता रही है।
बड़ी साजिश का इशारा:
स्थानीय सूत्रों का मानना है कि यह कोई सामान्य मामला नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश हो सकती है। युवती ने जानबूझकर अपना चेहरा और आवाज छिपाई जबकि बुजुर्ग का चेहरा साफ तौर पर दिखाया गया है। इससे यह भी संदेह उठता है कि कहीं यह वीडियो डिजिटल ब्लैकमेलिंग या पॉर्न इंडस्ट्री से जुड़े गिरोहों का हिस्सा तो नहीं?
सोशल मीडिया की जिम्मेदारी:
यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि सोशल मीडिया की आज़ादी का दुरुपयोग कहां तक जायज़ है? लोकप्रियता और पैसों की लालच में कुछ लोग समाज को नैतिक रूप से खोखला कर रहे हैं।
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साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि कई गिरोह ऐसे वीडियो बनाकर डार्क वेब पर बेचते हैं और इसमें अक्सर तकनीक से अनजान ग्रामीण लोग शिकार बनते हैं।
निष्कर्ष:
जैसलमेर की यह घटना सिर्फ एक स्थानीय स्कैंडल नहीं, बल्कि एक बड़ी सामाजिक चेतावनी है। हमें न सिर्फ पुलिस जांच का इंतज़ार करना चाहिए,
बल्कि एक समाज के रूप में अपनी ज़िम्मेदारी भी निभानी चाहिए। जागरूकता ही वह हथियार है जिससे हम अपने आसपास के लोगों को इस डिजिटल शोषण से बचा सकते हैं।